गेल इलेक्ट्रोफोरेसिस एक प्रमुख प्रयोगशाला तकनीक है, जिसका उपयोग प्रोटीन और न्यूक्लिक एसिड जैसे जैविक अणुओं के अलगाव के लिए किया जाता है। इसमें SDS (सोडियम डोडेसिल सल्फेट) फंक्शन का एक महत्वपूर्ण योगदान होता है, जो विशेष रूप से प्रोटीन के विश्लेषण में इसका महत्व बढ़ाता है।
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गेल इलेक्ट्रोफोरेसिस में, SDS से उपचारित प्रोटीन मिश्रण एक जेल में लोड किया जाता है, जो आमतौर पर पॉलीअक्रिलमाइड से बनाया जाता है। जब इलेक्ट्रिक फील्ड लागू किया जाता है, तो सभी प्रोटीन नेगेटिव चार्ज के कारण पॉलीअक्रिलमाइड जेल के अनुकूल दिशा में चलने लगते हैं। छोटे प्रोटीन बड़े प्रोटीनों के मुकाबले जल्दी चलते हैं, जिससे उन्हें अलग-अलग बैंड में विभाजित करने की अनुमति मिलती है।
sds function in gel electrophoresis

SDS-PAGE (SDS-पॉलीअक्रिलमाइड जेल इलेक्ट्रोफोरेसिस) तकनीक का उपयोग मुख्य रूप से प्रोटीन की पहचान, शुद्धिकरण, और मात्रा को मापने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग जैविक विज्ञान, चिकित्सा अनुसंधान, और गुणवत्ता नियंत्रण में किया जाता है।
SDS-PAGE के दौरान, विभिन्न प्रोटीनों के बैंड का विश्लेषण करके उनके वजन और संरचना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इससे वैज्ञानिकों को विभिन्न प्रकार की बायोलॉजिकल प्रक्रियाओं को समझने में मदद मिलती है, जैसे कि रोगों की पहचान और उपचार में नए लक्ष्यों की खोज।
संक्षेप में, SDS का कार्य गेल इलेक्ट्रोफोरेसिस में प्रोटीन विश्लेषण की प्रक्रिया को सटीक और प्रभावी बनाता है। इसके द्वारा हम प्रोटीन की विविधता और संगठन को समझने के लिए महत्वपूर्ण डाटा एकत्र कर सकते हैं, जो वैज्ञानिक अनुसंधान में एक अहम भूमिका निभाता है। SDS-PAGE न केवल बायोटेक्नोलॉजी में, बल्कि चिकित्सा और औषधि के क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण उपकरण बन चुका है।